Sunday, May 19th, 2024

गर्मी का आधा मौसम बीतने के बाद वन विभाग को राष्ट्रीय पक्षी मोर की चिंता हुई, बचाने के लिए वन विभाग के पास बजट नहीं

इंदौर
गर्मी का आधा मौसम बीतने के बाद वन विभाग को राष्ट्रीय पक्षी मोर की चिंता हुई है। इन दिनों तापमान 38 से 41 डिग्री सेल्सियस के बीच पहुंच चुका है। ऐसे में पशु-पक्षियों में पानी और नमक की कमी होने लगती है। मगर मोरो को डिहाइड्रेशन से बचाने के लिए वन विभाग के पास पैसा नहीं है। यही वजह है कि इस साल मुख्यालय से इंदौर वनमंडल को अभी तक बजट नहीं आवंटित हुआ है।

अप्रैल बीतने के बावजूद पर्यावरण शाखा ने भी मोरो के दाना-पानी की व्यवस्था नहीं की है, लेकिन अब इंदौर वनमंडल के डीएफओ ने अन्य मद से राशि खर्च करने का फैसला लिया है। इस संबंध में मुख्यालय के वरिष्ठ अधिकारियों से मार्गदर्शन भी लिया है। इस दौरान प्रत्येक रेंज को मोरों संरक्षण के लिए क्लस्टर को चिन्हित करने पर जोर दिया है।

2020 में विभाग ने उन क्षेत्रों को क्लस्टर में शामिल किया है, जहां मोरों की संख्या पांच से अधिक है। एक क्लस्टर में चार गांव रखे है। इंदौर, महू, मानपुर और चोरल के लगभग 80 गांव क्लस्टर से जोड़े है। अधिकारियों के मुताबिक इंदौर जिले में 10 हजार से अधिक मोर हैं। इनके संरक्षण की जिम्मेदारी ग्रामीण और वन समितियों की मदद लेंगे। वनकर्मियों को निगरानी के निर्देश दिए है।

यहां नजर आते है मोर
शहर में मालवा मिल, कैट परिसर, मेघदूत गार्डन, रेसीडेंसी, सुदामा नगर और पंचकुइया क्लस्टर बनाए गए हैं। एयरपोर्ट के आसपास और रेसीडेंसी एरिया को वन विभाग ने दो क्लस्टरों में बांटा है।

वन समिति से लेंगे मदद
महेंद्र सिंह सोलंकी, डीएफओ, इंदौर वनमंडल  ने कहा मोरों के लिए दाना-पानी की व्यवस्था करने की जिम्मेदारी पर्यावरण शाखा के पास रहती है। बजट आवंटित नहीं हुआ है। अन्य मद से राशि की व्यवस्था कर मोरों के लिए दाना-पानी उपलब्ध करवाएंगे। वैसे प्रत्येक रेंज की वन समिति से भी मदद लेंगे।

Source : Agency

आपकी राय

15 + 7 =

पाठको की राय